वैशाख पूर्णिमा के साथ ही श्री कूर्म जयंती है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था। नृसिंह पुराण के अनुसार कूर्म, यानी कछुआ भगवान विष्णु का दूसरा अवतार है। कहते हैं समुद्र मंथन के दौरान देवताओं की सहायता के लिये और मंदराचल पर्वत को डूबने से बचाने के लिये भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था, कूर्म की पीठ का घेरा एक लाख योजन का था और समुद्र मंथन के दौरान ही भगवान ने कूर्म सहित अपना दिव्य पुरुष रूप भी दिखाया था। किसी तरह के निर्माण संबंधी कार्य के लिये आज का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं आपको कि घर में कैसे करें कूर्म जयंती पूजा ?
Along with Vaishakh Purnima, there is Shri Kurma Jayanti. It is believed that Lord Vishnu incarnated as Kurma on this day. According to Narasimha Purana, Kurma, i.e. Tortoise is the second incarnation of Lord Vishnu. It is said that Lord Vishnu incarnated as Kurma to help the deities during the churning of the ocean and to save the Mandarachal mountain from drowning. The male form was also shown. Today is considered very auspicious for any kind of construction work. Let us tell you how to do Kurma Jayanti Puja at home?
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~HT.97~ED.114~ED.118~