कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी. तब से ये परंपरा आज भी देव दीपावली के रूप में मनाई जाती है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान से पुण्य मिलता है. वहीं कई लोगों के मन में ये भी सवाल होता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा क्यों होती हैं...तो चलिए बताते हैं...
The full moon of Kartik month is also known as Tripurari Purnima. On this day Lord Bholenath killed the demon Tripurasura. In this happiness, the gods celebrated happiness by lighting a lamp. Since then this tradition is still celebrated as Dev Deepawali. On this day, snan in the Ganga river and deepdan. At the same time, there is also a question in the mind of many people that why Tulsi is worshiped on the day of Kartik Purnima...
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