Kartik Purnima is celebrated on Shukla Paksha of Kartik month. This day is very special because it is believed that on this day Lord Shiva killed a demon named Tripurasur. This is the reason why this day is also called Tripuri Purnima. It is believed that the Matsya avatar of Lord Vishnu was born on the day of Kartik Purnima. One should take bath in the Ganges on this day. The fruit of bathing in the Ganges is obtained throughout the year. Usually on this day, lamp-donation should be done after bathing in the Ganges. This lamp-donation is considered equivalent to ten yagyas. Let's know the method of Kartik Purnima Puja.
कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है. यह दिन बहुत विशेष है क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव जी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध कर उसका संहार किया था. यही कारण है कि इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का जन्म हुआ था. इस दिन गंगा स्नान करना चाहिए. पूरे वर्ष गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है. आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान किया जाना चाहिए. इस दीप-दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है. आईए जानते है कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि ।
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