विजयदशमी (Vijayadashami 2022) का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन दशानन रावण (Ravan) (Ravana) के पुतलों का दहन कर (burning of effigies of Ravana), प्रतीक के तौर पर अहंकार और दुरकर्मों का नाश किया जाता है (effigies of Ravana)। इससे ये संदेश भी जाता है कि समाज में सद्भाव, परोपकार और सत्कर्म सदा जीवंत बना रहे। पौराणिक मान्यताएं हैं, कि इसी दिन भगवान राम (Ram) (Lord Ram) (Lord Rama) ने सीता हरण (Sita) करने वाले लंकापति दशानन रावण का संहार किया था। उनकी इसी विजय को पर्व के तौर पर सदियों से मानाते चले आने की परंपरा रही है। लेकिन आपको ये जानकर ताज्जुब होगा, कि देश में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जहां रावण को नफरत नहीं बल्कि सम्मान और की नज़रों से देखा जाता है। इतना ही नहीं उसकी पूजा उपासना भी की जाती है। (ravana worship) (worship of ravana)
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