Happy Lohri 2022:On 13 January 2022, the festival of Lohri will be celebrated with great pomp across the country. Lohri is traditionally the biggest celebration in farmer families. This festival of Lohri is celebrated a day before Makar Sankranti. According to Sikhism, Lohri is a festival to congratulate newly married couples and babies. In Sindhi society too, a day before Makar Sankranti, this festival is celebrated as Lal Lohi. Lohri was earlier called Tilodi. If the literal meaning of Lohri is taken, then L means wood, O means cow and Di means Rewari. That is, Lohri is formed by combining the meanings of all three words. The festival of Lohri is associated with religious faith, change of seasons and agricultural production throughout the country. On the evening of Lohri, all the people gather at one place to light a fire and dance and sing around it. On this day jaggery, maize, Things like sesame and puffed rice are also offered. Let us know about the auspicious time of Lohri and the method of worship. Along with this, they also know why sesame is offered in the fire of Lohri. Acharya Ajay Dwivedi Reveals Lohri Kaise Manate Hain.
Happy Lohri 2022: 13 जनवरी 2022 को पूरे देश में लोहड़ी का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाएगा। लोहड़ी परंपरागत रूप से किसान परिवारों में सबसे बड़ा उत्सव है। लोहड़ी का यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। सिख धर्म के अनुसार लोहड़ी का त्योहार है नविवाहित जोड़ों और शिशुओं को बधाई देने का। सिंधी समाज में भी मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व लाल लोही के रूप में इस पर्व को मनाया जाता है। लोहड़ी को पहले तिलोड़ी कहा जाता था। लोहड़ी का यदि शाब्दिक अर्थ लिया जाए तो ल का अर्थ लकड़ी, ओ का अर्थ उपले और ड़ी का अर्थ रेवाड़ी से है। यानि तीनों शब्द के अर्थों को मिला कर लोहड़ी बना है। पूरे देश में लोहड़ी का पर्व धार्मिक आस्था, ऋतु परिवर्तन और कृषि उत्पादन से जुड़ा है। लोहड़ी की शाम को सभी लोग एक स्थान पर इकट्ठे होकर आग जलाते हैं और इसके इर्द-गिर्द नाचते-गाते हैं। इस दिन अग्नि देवता को खुश करने के लिए अलाव में गुड़, मक्का, तिल व फूला हुआ चावल जैसी चीजें भी चढ़ाई जाती हैं।आइए जानते हैं लोहड़ी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। साथ ही ये भी जानते हैं कि लोहड़ी की अग्नि में तिल क्यों चढ़ाया जाता है। आचार्य अजय द्विवेदी जी से जानें लोहड़ी कैसे मनाते है या लोहड़ी कैसे मनाई जाती है ।
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