बीता हफ़्ता बहुत सारी बहसें लेकर आया. संसद का पहला सत्र शुरू हो चुका है और राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद प्रधानमंत्री सहित तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी अपनी-अपनी बात रखी. झारखंड में भीड़ की हिंसा यानी मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया, जिसमें भीड़ ने 24 वर्षीय युवक तबरेज़ अंसारी की हत्या कर दी. इसी से मिलती-जुलती एक घटना कोलकाता में हुई, जहां पर एक मुस्लिम युवक ने आरोप लगाया कि उसको 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए कहा गया और चलती ट्रेन से उसे धक्का दे दिया गया. इसके अलावा नयी लोकसभा गठित होने के बाद, जो पहला बिल लोकसभा में पेश हुआ है वो ट्रिपल तलाक का बिल है. इसको लेकर विपक्ष ने विरोध किया है और सत्ता पक्ष ने इसका समर्थन किया है. उत्तर प्रदेश से एक ख़बर आयी है. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच का गठबंधन ख़त्म करने का ऐलान किया गया है. इसके अलावा अमेरिका की तरफ से 'रिलिजन फ्रीडम रिपोर्ट' पिछले हफ़्ते आयी, जिस पर भारत सरकार की तरफ से आपत्ति जतायी गयी है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी के ऊपर काफी कड़ा निशाना साधा. दूसरी तरफ, बलात्कार के मामले में जेल में सज़ा काट रहे गुरमीत राम रहीम को पैरोल देने का हरियाणा सरकार ने समर्थन किया. वहीं देश में गर्मी और हीटवेव की प्रचंड लहर चल रही है.
चर्चा में इस बार शामिल हुए डाउन टू अर्थ के कंसल्टिंग एडिटर जॉयजीत दास. साथ में न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन ने भी शिरकत की. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने बातचीत की शुरुआत करते हुए सवाल उठाया, ''झारखंड में 24 साल के तबरेज़ अंसारी पर भीड़ के द्वारा जय श्री राम, जय हनुमान कहने के लिए दबाव डाला गया और फिर उसकी पिटाई की गयी. उसके ऊपर आरोप था कि उसने कुछ चोरी की है. साल 2014 से जो चीज़ें चल रही थी या देखने को मिल रही थी, बात अब उससे कई गुना आगे बढ़ चुकी है. अब आरोप कुछ और होता है, शक कुछ और है. लेकिन धर्म भीड़ को इस बात के लिए प्रेरित कर रहा है कि जय श्री राम या दूसरे धर्म के नारे लगवाएं जायें और उसकी पिटाई की जाये. लगातार गिरावट दर्ज़ की जा रही है. क्या इससे भी बुरी स्थितियां हो सकती हैं आगे जा कर?"
प्रतिक्रया में आनंद ने कहा कि, "सांप्रदायिक लीचिंग, जो धार्मिक लिंचिं