Demonetisation टू Monetization, सियासत से पत्रकारिता तक यू-टर्न की लहर l NL Tippani Episode 77

Newslaundry 2021-11-10

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2016 में देश के पास इफरात में पैसा था. तब मोदीजी ने इस इफरात पैसे को ठिकाने लगाने के लिए #Notebandi यानी डिमोनेटाइजेशन का ऐलान कर दिया था. पांच साल बाद अब मोदीजी ने बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों के नगदीकरण का ऐलान किया है, यानी #Monetization. जब पैसा था तब डिमोनेटाइजेशन अब शायद हाथ खाली है तब मोनेटाइजेशन कर रहे हैं. इस तरह से छह लाख करोड़ रूपए उगाहने की योजना है.

पांच सालों में देश को कहां से कहां पहुंचाया जा चुका है, इसका निर्णय आप स्वयं कर लें. मॉनेटाइजेशन प्रोजेक्ट के तहत सरकार सड़कों, #Railway, हवाईअड्डों, स्टेडियम, ऑप्टिकल फाइबर, टेलीकॉम समेत तमाम क्षेत्रों की सार्वजनिक संपत्तियां निजी कंपनियों के हाथ सौंप देगी. ये वो संपत्तियां है जो हमारे-आपके पैसे से बनी हैं. गौर करिए कि इस तरह की सार्वजनिक संपत्तियों के निर्माण में बहुत भारी-भरकम पैसा लगता है. इसलिए इनका निर्माण सरकारें करती है. निजी कंपनियां इनके निर्माण में हाथ नहीं डालती. लेकिन जब इन संपत्तियों के संचालन के जरिए उनसे मुनाफा कमाने का समय आएगा तब उसे निजी कंपनियों को सौंप दिया जाएगा.

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