देश की अदालतों में मामलों का अंबार लगा हुआ है. उनके पास करने के लिए बहुत से जरूरी काम हैं. वो काम जिनसे देश और समाज का हित जुड़ा हुआ है. लेकिन अदालतों को इतनी अहम चुनौतियों से भटका कर उन्हें ऐसे मामलों में उलझाया जा रहा है कि फलाना ने मेरी खिल्ली उड़ाई है इसलिए आप फलाना को सज़ा दीजिए. यह न सिर्फ देश की अदालतों का कीमती समय बर्बाद करना है बल्कि जनता के पैसे की भी बर्बादी है. यकीन मानिए जो शिकायत लेकर #Aajtak, #IndiaToday वाले अदालत के पास पहुंचे हैं वह शिकायत आमतौर पर बच्चे मम्मी-पापा के पास लेकर जाते हैं.
इंडिया टुडे, आजतक ने मानहानि और #Copyright का दावा एक साथ किया है. चूंकि इन लोगों ने इसे गंभीर मसला बना दिया है इसलिए हमने भी इसका जवाब गंभीरता से देने की कोशिश की है. गोल्ड स्टैंडर्ड ऑफ जर्नलिज्म यानि स्वर्णिम मानकों वाली पत्रकारिता, ऐसा दावा आजतक और इंडिया टुडे का है. ऐसे तमाम वाकए उन्होंने दर्ज किए हैं जब हमने यानी न्यूज़लॉन्ड्री ने उनके इस गोल्ड स्टैंडर्ड की खिल्ली उड़ाई है. सात सौ पन्नों की कानूनी नोटिस में उन्होंने खुद को देश का सबसे लोकप्रिय चैनल, नंबर एक चैनल होने का दावा किया है. और इतने बड़े, इतने लोकप्रिय और देश के नंबर एक मीडिया संस्थान ने अपने अपमान, जलालत और खिल्ली की कीमत लगाई है दो करोड़ सौ रुपए.
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