कोई ख़बर कितनी बड़ी है इसको तय करने का पैमाना यह है कि उससे कितनी बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है. बीते हफ्ते एक ऐसी ही ख़बर आई जिसका दायरा इतना बड़ा है कि देश की 130 करोड़ आबादी का इसकी चपेट में आना तय है. भारत सरकार ने इस साल की पहली तिमाही का #GDP आंकड़ा जारी किया है. ये आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था की बहुत डरावनी तस्वीर पेश करता है.
इसे ऐसे समझिए कि अगर आप पहले 100 रुपए खर्च रहे थे तो अब आपका खर्च सिर्फ 76 रुपए रह गई. अब आप कहेंगे कि यह कौन सी बड़ी बात है, अगले साल फिर बढ़ जाएगी. पर अर्थव्यवस्था में मामला इतना सीधा नहीं होता, एक-एक परसेंट की कीमत कुछ लाख करोड़ में होती है.
अब हम सरकार द्वारा जारी -24 फीसद यानि #IndianEconomy के लगभग 50 फीसद हिस्से की बात करें तो याद रखिए कि उसने ये आंकड़े देशव्यापी #lockdown के दौरान जुटाए हैं. अप्रैल से जून महीने के बीच. इसके मद्देनजर कई जानकारों का मानना है कि ये आंकड़ा पूरी तरह से शुद्ध नहीं हैं क्योंकि लॉकडाउन के कारण कई तरह के प्रतिबंधों के बीच जुटाया गया है. इसलिए सरकार आने वाले समय में इसे रिवाइज़ भी कर सकती है.
और जब इतना बड़ा संकट सामने आया तब खबरिया चैनलों ने अपने नागरिकों को इस ख़बर से मुस्तैद किया क्या?इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ़ती यह टिप्पणी.
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