शाजापुर। विजय नगर स्थित विजय हनुमान मंदिर में महिला समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भावगत कथा के दूसरे दिन कथावाचक पं. विवेक कृष्ण शास्त्री उज्जैन ने कहा कि भले ही आप प्रतिदिन मंदिर जाकर प्रभु की भक्ति ना कर सको, लेकिन आपने अगर किसी उदास के चेहरे पर मुस्कुराहट ला दी, तो यही सबसे बड़ी भक्ति है। पं. शास्त्री ने कहा कि बिना भक्ति के मनुष्य चलता-फिरता शव है। यदि वह भक्ति के मार्ग पर नहीं है, तो उसे कहीं चैन नहीं मिलेगा, लेकिन यदि उसने अपने मन को प्रभु भक्ति या भगवत भजन में रमा लिया, तो वह इस सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाएगा और यही उसके जीवित होने का प्रमाण भी है। कथावाचक ने कहा कि दूसरे का अहित करने वाले का कभी भी भला नहीं होता है। जो परोपकार करेगा, दूसरों का हमेशा भला करेगा, उसके दुख, दर्द स्वयं प्रभु हरते हैं। अच्छे कर्मों का परित्याग ही कलियुग है और अच्छे कर्म करना ही सतयुग है, इसलिए सत्संग करें और किसी का अहित ना करें। आरती एवं प्रसाद का पुण्य लाभ अशोक सोनी एवं गोवर्धनलाल यादव परिवार ने लिया।