लखीमपुर- नीमगांव के जमहौरा में सैकड़ों ग्रामीणों के खाते खोलकर उनमें लाखों की रकम ट्रांसफर होने के मामले ने तूल पकड़ा तो जांच शुरू कर दी गई। अधिकारी जांच की बात कह कर इस मामले में सीधे तौर पर कुछ भी बोलने बच रहे हैं, हालांकि पूरी कहानी धान खरीद के फर्जीवाड़े की तरफ इशारा कर रही है।एक माह पूर्व एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों ने जमहौरा गांव में कैंप लगाकर डेढ़ सौ ग्रामीणों के खाते खोले थे। अब इनमें से नरेश, मुकेश, वीरेंद्र, नीरज समेत दर्जनभर लोगों के खातों में लाखों की रकम निकलने के मैसेज आने लगे, जबकि इनके खाते जीरो बैलेंस से खोले गए थे। उनमें कोई पैसा जमा भी नहीं था। ग्रामीणों ने बैंक में जानकारी की तो उन्हें बताया गया कि धान बिक्री का पैसा आया था, जो चेक के जरिए निकला है। गांव के निवासी मुकेश के मोबाइल पर जो मैसेज आया था, उसमें यूपी कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड द्वारा नेफ्ट डिपॉजिट लिखा है। मुकेश के खाते में एक लाख 37 हजार रुपया जमा हैं। मुकेश ने बताया कि उनके पास जमीन ही नहीं है और न ही उन्होंने धान बेचा है। मुकेश ने अब खाता ही बंद करा दिया है।