पिछले चार दिनों से किसानों के साथ चले आ रहे नाटकीय घटनाक्रम का आज उस समय पटाक्षेप हो गया जब किसानों के धान भरे ट्रैक्टर मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने के लिए स्टार्ट हो गए । जैसे ही ट्रैक्टर स्टार्ट हुए वैसे ही तीन दिनों से कांटा चलाने की हीलाहवाली कर जिला प्रशासन हरकत में आ गया और काँटे चालू कराने का फरमान सुना दिया । किसान नेता ने जिला प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी व्यापारियों से मिलीभगत है और इनका करोड़ो रुपयों का नुकसान हो रहा था इसी लिए काँटे चालू कराने में देरी कर रहे थे ।
बाराबंकी में तीन दिन पूर्व किसानों और अपर जिलाधिकारी के मध्य धान की तौल के लिए काँटे बढ़ाने के समझौते से जिला प्रशासन देरी कर रहा था जिससे एक बार फिर किसान आन्दोलित हो गए और धान भरी ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर गन्ना दफ्तर के मैदान पहुँच कर प्रदर्शन करने लगे । प्रदर्शन की तरफ प्रशासन का ध्यान न जाने से नाराज किसानों ने ट्रैक्टर ट्रालियां सहित मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का मन बनाते हुए अपने ट्रैक्टर को जैसे ही स्टार्ट किया वैसे ही प्रशासन हरकत में आ गया और काँटे शुरू कराने का फरमान सुना दिया लेकिन किसान नेताओ ने कहा कि वह तब तक नही उठेंगे जब तक उनका पूरा धान तौल नही जाता ।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन ( भानु गुट ) के प्रान्तीय प्रभारी आशु चौधरी ने बताया कि प्रशासन इस लिए काँटे चालू करने में देरी कर रहा था क्योंकि उसका करोड़ो रूपये का नुकसान हो रहा था , यह लोग व्यापारियों से सांठगांठ करके करोड़ो रुपया दबा लेते है । हमारे ट्रैक्टर जैसे ही मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने के लिए स्टार्ट हुए वैसे ही काँटे चालू कर दिए गए । आशु चौधरी ने कहा कि उनके पैर अंगद की तरह हैं इसे प्रशासन हिला नही पायेगा , उनके धान की खरीद होने के बाद ही अब प्रदर्शन खत्म होगा ।