रेल महकमे ने रेलवे की सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह ट्रैक मेनों के हवाले कर दिया है, जिसके तहत रेलवे के ट्रैक मेनों को रात के अंधेरे में 11 बजे से सुबह 7 बजे तक ट्रैक की सुरक्षा करने का फरमान जारी किया गया है। रेल महकमे के इस आदेश से कर्मचारियों में हड़कंप मचा है तो वे इसकी जमकर मुखालफत भी कर रहे हैं। पश्चिम मध्य रेल एंप्लाइज यूनियन के बैनर तले इस ताजा आदेश का विरोध करने कर्मचारी सड़कों पर उतर आए और उन्होंने द्वार सभा से लेकर मानव श्रृंखला बनाकर अपना आक्रोश जाहिर किया। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि रेलवे ने एक ट्रैक मैन को 16 से 20 किलोमीटर तक ट्रैक की निगरानी का जिम्मा सौंपा है इसके पहले के सालों तक इस काम के लिए दो-दो ट्रेक मेनों की तैनाती की जाती रही लेकिन रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक रेलवे ट्रैकों और संपत्तियों की सुरक्षा का जिम्मा एक ही ट्रेके मैन के हवाले किये जाने से उन्हें चोर डाकूओं से लेकर अन्य जंगली जीवो के हमले का खतरा बना रहता है। गुस्साए कर्मचारी नेताओं ने द्वार सभा के जरिए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द गौर नहीं किया गया तो वे पूरे मंडल में कामकाज ठप कर देंगे।