उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में सोमवार को खागा बस स्टाप में 24 साल पहले हुये गोलीकांड में अपर एवं सत्र न्यायालय कोर्ट नंबर-तीन ने फैसला सुनाते हुये जानलेवा हमले के आरोपियों में बीजेपी नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष के पति उदय प्रताप सिंह सहित सभी को बरी कर दिया, जबकि जानलेवा हमला समेत हत्या के मामले में दूसरे पक्ष के तारा चंद्र पाण्डेय समेत 15 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को लेकर आज समूचे दिन अदालत परिसर में सुबह से ही गहमा-गहमी का माहौल रहा। दोपहर बाद सुनाये गये फैसले से वादी पक्ष में जहां खुशी का माहौल छा गया, वहीं प्रतिवादी पक्ष के खेमे में मायूसी साफ झलक रही थी। बतादें कि 6 अगस्त 1996 में दिन के करीब साढ़े ग्यारह बजे खागा बस स्टाप पर हुये गोली कांड में तीन लोगों की जान चली गयी थी। बतादें कि प्राईवेट बस स्टाप पर डग्गामार वाहनों से 20 रुपये की वसूली को लेकर बात बढ़ गई थी...जिसके कहासुनी और गोलीबारी में तीन की हत्या तक हो गई थी।