काँग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता के बयान से स्पष्ट है यदि काँग्रेस कुछ दिन और सरकार में रह जाती तो यह कुम्भ भी बंद कर देते, बरसाना की होली भी बंद कर देते, अयोध्या का दीपोत्सव भी बंद कर देते और काशी-मथुरा भी बंद कर देते। भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति काँग्रेस के दिल की बात उनके प्रवक्ता के ज़रिये बाहर आ गयी तथा उनकी दोहरी नीति अब सबके सामने है।काँग्रेस सरकार की आड़ में सनातनी संस्कृति को ख़त्म करने पर तैयार थी, परंतु जनता ने उन्हें सबक़ सिखाया।जिस तरह काँग्रेस ने महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण मंदिरों के दर्शन पर रोक लगाई उससे साफ़ होता है कि काँग्रेस के दिल मे सनातनी संस्कृति के प्रति कितनी नफ़रत है।ये खजूर खाने वाले लोग, रोज़ा आफ़तार में टोपी लगाने वाले लोग हैं जिनके D.N.A. में जहाँगीर है उन्हें हिंदुस्तान की संस्कृति और सनातनी संस्कृति से क्यों मोहब्बत होगी।