16 साल में इस बार मेरठ में 50 प्रतिशत कम बारिश

Patrika 2020-09-30

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मेरठ समेत पूरे पश्चिम उप्र में इस बार मानसून ने पिछले 16 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग के अनुसार इस बार 50 प्रतिशत बारिश कम हुई है। मेरठ में इस बार वर्षा ऋतु में 381 मिली बारिश हुई है। जो कि पिछले 16 साल में सबसे कम हैै। इससे पहले 2004 में मेरठ में 68 प्रतिशत बारिश वर्षा ऋतु में हुई थी। मेरठ के साथ ही बागपत में 298 मिली, बिजनौर में 853 मिली, बुलंदशहर में 271 मिली, नोएडा में 68 मिली, गाजियाबाद में 185 मिली, हापुड में 388 मिली बारिश हुई। इस बार पूरे पश्चिम उप्र में मानसून सबसे अधिक कमजोर रहा है। इसका कारण ग्लोबल वार्मिग को माना जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी बारिश होने के कोई अच्छे आसार नजर नहीं आ रहे हैंं। मेरठ से आज मानूसन विदा हो गया। इस वर्ष के मॉनसून के गणित पर नजर डालें तो कृषि के नजरिए से अत्यंत महत्वपूर्ण मेरठ और पश्चिम उप्र में सामान्य बारिश का पूर्वानुमान फिलहाल गलत ही साबित हुआ है। पश्चिम उप्र में जहां 47 प्रतिशत कम बारिश हुई वहीं पूरे प्रदेश में ही बारिश सामान्य के मुकाबले लगभग 22.5 फीसद कम हुई है। बीते दो वर्षों के मुकाबले कम रही।
जिले वार बारिश का आंकड़ा देखें तो 37 फीसद यानी 75 जिलों में से 28 में ही सामान्य अथवा अधिक वर्षा दर्ज हुई। मौसम विभाग के आंकड़े ही ये बताने के लिए काफी हैं कि इस बार वर्षा के महीने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हालात काफी खराब रहे। जहां मानसून की शुरुआत के पहले सप्ताह 28 मई से 3 जून के मध्य तो जमकर बारिश हुई, लेकिन उसके बाद आज 30 सितंबर तक के 17 सप्ताह में मात्र चार हफ्ते ही सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई।
आज सितंबर के आखिरी दिन में मेरठवासियों को गर्मी से राहत मिली। वहीं ठंडी हवा के झोकों ने वातावरण में ठंडक पैदा की। धूप ने भी नरमी दिखानी शुरू कर दी है।

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