कोविड-19 संक्रमण के चलते मार्च 2020 से ही जनपद ही नहीं पूरे प्रदेश के विद्यालय बंद चल रहे हैं, और सभी विद्यालयों का मौजूदा समय में ऑनलाइन क्लास चलाया जा रहा है। ऐसे में विद्यालय प्रशासन की तरफ से अभिभावकों पर विद्यालय बंद होने के दौरान भी फीस के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है । जिससे अभिभावक इन दिनों काफी परेशान नजर आ रहे हैं। अभिभावकों की परेशानियों को देखते हुए गाजीपुर में युवाओं द्वारा नो स्कूल नो फीस के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। जिसमें पहले ही दिन युवाओं द्वारा शहर के कई क्षेत्र , बरबरहना, चंपाबाग, बड़ापुरा ,खुदाईपूरा मोहल्ले में जाकर अभिभावकों से लॉकडाउन में उनकी परिस्थितियों की जानकारी ले रहे है और उनसे इस मुहिम में कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कर रहे है । जी हां मौजूदा समय में कोरोना महामारी के चलते देश मे आई विकट परिस्थितियों में जहां आमजन के पास खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में राशन नहीं है ।वहीं अभिभावक फीस कहां से दे पाएंगे। जिसको लेकर इन युवाओं ने सरकार से इनकी फीस माफ कराने की मुहिम छेड़ दी है। इस दौरान अभिनव सिंह ने बताया कि यह मुहीम का प्रथम दिवस है और इसे लगातार चलाया जाएगा । यह अभियान शहर के कोने कोने तक चलाया जाएगा। हस्ताक्षर अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक शहर का एक-एक अभिभावक इस मुहिम में एक साथ मिलकर विद्यालयों द्वारा की जा रही ज्यादती के खिलाफ सरकार से अपनी मांग पूरी न करा ले। वही इस कठिन समय में लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं इस वक्त उन पर किसी भी प्रकार का दबाव देना उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहा है।
इस दौरान युवाओं के द्वारा शुरू किए गए इस हस्ताक्षर अभियान में अभिभावकों भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे है। वहीं अभिभावकों ने चलाये जा रहे इस अभियान को अपना समर्थन भी दे रकहे है। वहीं स्कूल फीस को लेकर अभिभावक अपना दर्द मीडिया के सामने बयां भी कर रहे है। इस दौरान अभिभावकों ने बताया कि कोरोना के चलते हम लोगों के इनकम का जरिया खत्म हो चुका है ।जिसकी वजह से हम लोग स्कूलों के फीस भरने में अक्षम है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जब तक स्कूल ना चले तब तक उनके फीस को भी माफ कर देना चाहिए । वहीं कई अभिभावक पैसे के अभाव में अपने बच्चों का एडमिशन इस सत्र में नहीं करा पाए हैं।