अमेरिका की अलबामा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि सार्स-कोव-2 वायरस से लड़ने वाली वैक्सीन उन लोगों की सुरक्षा कर पाने में ज्यादा असरदार साबित नहीं हो पाएगा, जिनके शरीर में भारी मात्रा में चर्बी जमी हुई है। पहले से उपलब्ध कुछ वैक्सीनों को उदाहरण देते हुए उन्होंने यह आशंका जताई है।