सुल्तानपुर जिले भर में छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया। अपने पुत्रों की लंबी उम्र के लिए माताओं ने रविवार को ललई छठ का व्रत रखकर पूजा-अर्चना की। घर के आंगन में कुश और ढाक लगाकर महिलाओं ने पूड़ी, दही व चावल से गौर-गणेश की विधि-विधान से पूजा कर बेटे के सलामत रहने की कामना की। क्षेत्र के मसीरपुर, गोपालपुर, कान्हापुर, जयसिंहपुर समेत कई इलाकों में महिलाएं रविवार सुबह से ही पकवान बनाने में जुट गई। दोपहर में पूजा-अर्चना को अंतिम रूप दिया गया। महिलाओं ने इस दौरान पूजा स्थल पर गड्ढे में भरे पानी से अपने बेटों के चेहरों को धुला और पीठ पर हल्दी से सने हाथ के पंजे की छापा लगाकर लंबी उम्र का आशीर्वाद दिया। माताओं ने उनके दीघार्यु होने के लिए गंगाजल का छिड़काव भी किया। अधिकांश स्थानों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा कर पूजन का महत्व बताया। इस मौके पर महिलाओं ने मंगलगीत प्रस्तुत कर खुशी का इजहार किया। पूजा में शामिल महिलाओं ने बताया यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। इस पर्व को हरछठ के अलावा पूर्वी भारत में कुछ स्थानों पर ललई छठ के रुप में मनाया जाता है। जानकार बताते हैं कि द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से पहले शेषनाग ने बलराम के अवतार में जन्म लिया था। यह पूजन सभी पुत्रवती महिलाएं करती हैं। यह व्रत पुत्रों की दीर्घ आयु और उनकी सम्पन्नता के लिए किया जाता है।