महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून के तहत गरीबी दूर करने के लिए शुरू की गई योजना को भ्रष्टाचार के खुले खेल का मैदान बना दिया गया। तरीका वही फर्जी जॉब कार्ड बनवाए गए कागजों पर काम दिखाया गया। नतीजा भी वही जो पैसा गरीबों के पेट भरने के लिए आवंटित किया गया, वह भ्रष्टाचारियों की तिजोरी में पहुंच गया। शासन प्रशासन लाख दावे करें भ्रष्टाचार को रोकने के, लेकिन जिम्मेदारो की मिलीभगत भ्रष्टाचार रुकने वाला नहीं है। यह मामला गरोठ जनपद के ग्राम पंचायत मकड़ावन का है। जहाँ पर मास्टरमाइंड तरीके से सचिव गोपाल चावड़ा ने जनपद पंचायत गरोठ के जिम्मेदारो ने मिलकर गरीबों के नाम से चलाई जा रही मनरेगा में बड़ा घोटाला किया। ग्राम पंचायत सचिव फर्जी जॉब कार्ड जारी कर अन्य खाता नंबर से राशि निकालने का मामला सामने आया है। आपको बता दें कि जॉब कार्ड मे अन्य व्यक्तियों के बैंक डिटेल डालकर जनपद पंचायत गरोठ से अप्रूवल के बाद मनरेगा की मजदूरी की लाखों रुपए की राशि निकालने का मामला सामने ग्रामीणों इसकी शिकायत जनपद पंचायत गरोठ के CEO अमृतराम सिसोदिया व जिला पंचायत CEO ऋषभ गुप्ता से व 181 से शिकायत के बाद भी कोई निराकरण नहीं निकला, हालांकि जनपद सीईओ की ओर से जांच कर कार्यवाही की बात कही जा रही है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की हे। जब इस बारे में जनपद पंचायत सीईओ से स्वराज एक्सप्रेस के संवाददाता ने चर्चा करनी चाहिए तो उन्होंने बताया क्या आपके द्वारा जानकारी मिली जबकि ग्रामीणों ने 10 दिन पहले जनपद जिला पंचायत को इस विषय में शिकायत कर चुके हैं।