परिवहन विभाग को लग रहा लाखों का चूना पिछले मार्च माह से वैश्विक महामारी का रूप ले चुके कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया था उसके बाद पिछले माह सरकार ने अब अनलॉक लागू किया है। जब कोरोना की छुट्टी नहीं मिली तब प्रदेश सरकार ने प्रत्येक शनिवार और रविवार को 55 घंटे का लॉकडाउन पुनः घोषित किया। इन सब स्थितियों को देखते हुए घरों से सवारियों का निकलना लगभग बंद हो गया। कोरोना से बचाव को ध्यान में रखते हुए लोगों ने अब बाहर आना जाना लगभग बंद कर रखा है। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा अपनी बसें शुरू की गई है। बसों के चलने से जहां सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं सवारियों के न आने से आमदनी नहीं हो पा रही है। ऐसे में परिवहन विभाग प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान उठाने को मजबूर है। हालत यह है बिना सवारियों की बसें सड़क पर फर्राटा भर्ती देखी जा रही हैं। वहीं चालकों और परिचालकों का भी कहना है,कि सवारियां मिल नहीं रही है ऐसे में खाली बस ले जाना भी ठीक नहीं है। हाल ही में यदि परिवहन विभाग की वर्तमान स्थिति पर नजर डाली जाए, तो हालत यह है कि सवारियां मिल नहीं रही, जिससे आमदनी नहीं हो पा रही है, लेकिन खर्चे बदस्तूर जारी हैं। विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों चालक और परिचालकों को प्रतिमा वेतन का भुगतान करना पड़ रहा है सड़क पर बसें दौड़ रही हैं तो उनकी डीजल की खपत जेब से देनी पड़ रही है और इसके साथ ही फिटनेस का भी अतिरिक्त खर्चा उठाना पड़ रहा है अगर यदि यही हाल रहा उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग का तो परिवहन विभाग करोड़ों रुपए के नुकसान में पहुंच जाएगा।