तालाब में नहीं अब टैंक में भी हजारों मछली का पालन सम्भव

Bulletin 2020-06-27

Views 28

ऐसे युवा जो शिक्षित बेरोजगार हैं वह मछली पालन की बायो फ्लॉक विधि द्वारा टैंक में मछली पाल कर वर्ष में लाखों रुपए की आमदनी आसानी से कर सकते हैं। उतरांव थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव मण्डौर गांव निवासी राकेश कुमार सिंह व बी पी सिंह ने मिलकर बायो फ्लॉक विधि से सफलतापूर्वक मछली उत्पादन कर एक मील का पत्थर स्थापित किया है।राकेश ने अपने फार्म पर मछली पालन के साथ ही नए मछली पालकों को इस नई विधि से मछली पालन का प्रशिक्षण भी देते हैं। इस कार्य विधि कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र में जहां एक-दो एकड़ जमीन में तालाब बनाकर मछली पालन करते हैं तथा पालन के दौरान बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन बायो फ्लॉक ने इसे बहुत ही आसान बना दिया हैं। क्या है बायो फ्लॉक विधि इस विधि में तारपोलिन टैंक या सीमेंट टैंक में एक निश्चित तापमान पर पानी में अमोनिया नाइट्रेट के संतुलन को बनाना पड़ता है। इस विधि में हाइड्रोजन वैकटीरिया को पानी में डाला जाता है जो लगभग 15 से 20 दिनों में अपनी कॉलोनी बना लेते हैं। जिसे मछली पालन स्वाग बोलते हैं। इसी वैकटीरिया व फ्लाक से ही इसका नाम बॉयो फ्लाक पड़ा। बायो फ्लाक के लाभ तालाब में मछली पालन करने पर किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे तालाब के लिए 10 की अपेक्षा बहुत ज्यादा जमीन की आवश्यकता पड़ती है विधि से 1 लीटर की टैंक में आप बड़ी सरलता से 500 से 700 तक मछली पालन कर सकते है।

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS