उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में एक ओर फर्जी शिक्षका बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल पुलिस के हाथ लगी। जांच पड़ताल के बाद पाई गई फर्जी शिक्षका फरार चल रही है। फर्जी शिक्षका के खिलाफ अमांपुर थाने में शिक्षा विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। पकड़ी गई शिक्षका चार साल से शिक्षा विभाग का चूना लगाकर वेतन पा रही थी। आपको बतातें चले कि उत्तर प्रदेश के 25 जनपदों में नौकरी हासिल करने वाली अनामिका शुक्ला का प्रकरण की पूरी तरह से शांत नहीं हुआ था, तब तक शिक्षा विभाग लक्ष्मी नाम की युवती के दस्तावेजों पर नौकरी हासिल करने वाली फर्जी शिक्षका कासगंज जनपद में बेसिक शिक्षाधिकारी अंजलि अग्रवाल द्वारा जिले में तैनात 113 शिक्षकाओ के प्रपत्रों की जांच पड़ताल में हाथ लगी है। हालांकि प्रपत्रों की जांच पड़ताल के शुरूआती दौर से ही शिक्षका फरार चल रही है।यह फर्जी शिक्षका मैनपुरी जनपद के थाना भोगांव क्षेत्र के कस्बा चौधरी की नन्ने बाबू की पुत्री लक्ष्मी के अभिलेखों जून 2016 से कासगंज जनपद के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय रानामऊ अमांपुर मेंतैनात थी। फिलहाल बीएसए ने फर्जी शिक्षका के खिलाफ अमांपुर थाने में अभियोग दर्ज कराया गया है, वहीं पुलिस और शिक्षाविभाग प्रपत्रों में हेराफेरी कर चार साल से नौकरी करने वाली फर्जी शिक्षका फोटो के आधार पर युवती की तलाश में जुटी हुई है, ये फर्जी शिक्षका कहां की थीं और नौकरी लगवाने में कौन कौन शामिल था, इसकी तलाश सरगर्मी से की जा रही है।