राज्य के रणथंभौर टाइगर रिजर्व और सरिस्का से 4 टाइगर पिछले तीन माह से लापता हैं। वन विभाग को इनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। वहीं वन्यजीव प्रेमी कोरोना महामारी व लॉकडाउन के कारण 72 दिन बंद रहे टाइगर रिजर्व में इन बाघों के शिकार की आशंका जता रहे हैं। वन्यजीव प्रेमियों ने प्रदेश के तीनों रिजर्व रणथंभौर, सरिस्का व मुकुंदरा टाइगर के बाघों के फोटो उनकी मौजूदगी के सबूत सहित सार्वजनिक करने के साथ ही यहां बाघों की गणना फिर से करवाने की मांग की है।
पीपुल फॉर एनिमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू का कहना है कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व से टाइगर फतह टी.42, रोमियो टी.6 और मोहन टी.47 पिछले चार माह से लापता हैं। इसी तरह बाघिन टी. 92 का पिछले साढ़े तीन माह से कोई सुराग नहीं है। टी.42 और टी.47 अंतिम बार जनवरी के अंतिम सप्ताह में देखे गए थे, वहीं बाघिन टी.92 फरवरी के दूसरे सप्ताह में नजर आई थी। वहीं टी. 6 तो कई महीनों से नजर नहीं आया। उनका कहना है कि इनके बारे में वन विभाग के अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं है। चारों टाइगर के लापता होने का मामला उच्च स्तर तक पहुंचने के बाद अधिकारी सक्रिय हुए हैं। शिकारियों पर नजर रखने के लिए कैमरे लगाने के साथ ही वनकर्मियों की टीम गठित की गई है। यह टीम निरंतर शिकारियों व वन्यजीवों पर नजर रखती है, लेकिन लापता हुए तीन टाइगर ना तो कहीं कैमरे में नजर आ रहे हैं और ना ही इस टीम को इनका सुराग मिला है। वनमंत्री सुखाराम विश्नोई ने अधिकारियों से इस बारे में रिपोर्ट मांगी है।
फिर से होनी चाहिए गणना