नासा ने इस उल्का पिंड को एटेन एस्ट्रयड के रूप में वर्गीकृत किया है, जो कि सूरज के पास से गुजरता हुआ धरती की कक्षा में दाखिल हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पूरी घटना पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल कई बार गुरुत्वाकर्षण के कारण उल्का पिंड पृथ्वी की कक्षा में आखिरी समय में दाखिल हो जाते हैं।