जानिए क्यों बरगद के पेड़ को इंसानों की तरह सलाइन ड्रिप दी जा रही है

Patrika 2020-05-12

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एक बुजुर्ग पेड़ को भी दवा की बोतले दी जा रही हैं। ऐसा बुजुर्ग बरगद के पेड़ को बचाने के लिए किया जा रहा है। बरगद का ये पेड़ 700 साल पुराना है। इस पेड़ को दुनिया का दूसरा सबसे पुराना पेड़ कहा जाता है। जो तेलंगाना के महबूबनगर जिले में हैं। यह पेड़ दुनिया का दूसरा सबसे पुराना पेड़ है। लेकिन सैकड़ों साल पुराने इस पेड़ का वजूद अब खत्म होने की कगार पर आ चुका है। जिसके बाद इसे सलाइन ड्रिप चढ़ाकर बचाने की कोशिश हो रही है। क्यों चढ़ाई जा रही है सलाइन ड्रिप ? बरसों पुराने इस पेड़ पर दीमकों ने कब्जा कर रखा है। अपने असर से दीमकों ने पेड़ के कुछ हिस्से खोखले कर दिए। तीन तरीकों से इलाज हो रहा है। शुरू में इसे बचाने के लिए इसके तने में केमिकल डाला गया, लेकिन यह तरीका नाकामयाब रहा। बाद में वन विभाग ने तय किया कि जैसे अस्पताल में मरीजों को सलाइन में दवा मिलाकर बूंद-बूंद चढ़ाई जाती है, वैसे ही पेड़ में बूंद-बूंद कर के सलाइन की बोतल से केमिकल चढ़ाया जाए। सलाइन ड्रिप में केमिकल मिलाया। इस तरह से सैकड़ों बोतलें तैयार की गईं। इन बोतलों को पेड़ में हर दो मीटर की दूरी पर लटकाया गया

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