देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पीएमआरएफ योजना में किया संशोधन

Patrika 2020-05-09

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— केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने की घोषणा
— संशोधन के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे
जयपुर। देश में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री शोध छात्र‍वृत्ति योजना (पीएमआरएफ) में विभिन्न संशोधन किए गए हैं। अब किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान / विश्वविद्यालय (आईआईएससी / आईआईटी / एनआईटी / आईआईएसईआर / आईआईईएसटी / सीएफ आईआईआईटी के अलावा) के विद्यार्थियों के लिए गेट स्कोर की न्यूनतम आवश्यकता 750 से घटाकर 650 कर दी गई है तथा सीजीपीए की न्यूनतम आवश्यकता भी 8 या उसके समकक्ष कर दी गई है। यह जानकारी केन्द्रीय मंत्री रमेश पो खरियाल निशंक ने टवीट कर दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रिसर्च फैलोशिप से जोड़ने के लिए चयन प्रक्रिया में कई परिवर्तन किए हैं।

अब प्रविष्टियों के दो चैनल होंगे। एक सीधे प्रवेश का चैनल और दूसरा लैटरल चैनल। जो विद्यार्थी पीएमआरएफ अनुदान देने वाले संस्थानों में पीएचडी कर रहे हैं वे दिशानिर्देशों के अनुसार योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। ऐसे एनआईटी जो एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार शीर्ष 25 संस्थानों में हैं, पीएमआरएफ अनुदान संस्था बन सकते हैं।

मंत्री ने कहा कि देश में विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रधानमंत्री शोध छात्र‍वृत्ति योजना तैयार की गई है। आकर्षक फैलोशिप के साथ, यह योजना अनुसंधान में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित करने का प्रयास करती है। जो संस्थान पीएमआरएफ की पेशकश कर सकते हैं, उनमें सभी आईआईटी, सभी आईआईएसईआर, बेंगलुरु का भारतीय विज्ञान संस्थान और कुछ शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय / एनआईटी शामिल हैं जो विज्ञान और / या प्रौद्योगिकी डिग्री प्रदान करते हैं।

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