विशाखापट्टनम गैस त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ इस घटना से बचाव पर निर्देश दिए गए। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। अमित शाह ने कहा कि हम लगातार इस घटना के प्रभाव पर नजर बनाए हुए हैं। आपदा को नियंत्रित करने के लिए एनडीआरएफ की टीम मौके पर काम कर रही है। वहीं पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण पर लगातार नजर बनाए रखने और इससे जल्द से जल्द निपटने के उपाय करने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन के अधिकारियों ने कहा है कि बड़ी संख्या में टीमें मौके पर मौजूद हैं। आसपास के पांच गांवों को खाली करवाया गया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है, ताकि इस गैस से लोग प्रभावित ना हो।
आपको बता दें कि आप सुबह 3 बजे विशाखापट्टनम के एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री से गैस का रिसाव शुरू हुआ। लॉकडाउन के बाद इसे आज ही खोला गया था। गैस के रिसाव इतना हुआ कि कंपनी के तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों का दम घुटना शुरू हुआ। लोगों को आंखों और शरीर पर जलन, सिरदर्द और घबराहट महसूस हुई। सुबह सात बजे तक यह प्रभाव बड़े स्तर पर पहुंच गया। इसके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रशासन को 50 एम्बुलेंस लगानी पड़ी। जो लगातार मरीजों को लाने— ले जाने का काम करती रही। गैस लीकेज से प्रभावितों को अस्पताल पहुंचाते हुए ही एक बच्चे समेत 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 लोग इस समय गंभीर हैं। वहीं करीब 5 हजार लोग इस गैस त्रासदी से प्रभावित बताए जा रहे हैं। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगमोहन रेड्डी ने इस आपात स्थिति में नौसेना की मदद भी ली है। नौसेना की मदद से पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। इस समय विशाखापट्टनम के साथ ही आसपास के इलाकों के अस्पताल गैस रिसाव पीड़ितों से भरे पड़े हैं। स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्र सरकार तक इसी कोशिश में है कि यह गैस रिसाव भोपाल गैस त्रासदी ना बन जाए।