एक ओर देश में नागरिकता कानून पर तूफान खड़ा है, वहीं दूसरी तरफ विरोध के नाम पर हिंसा करने वालों से राष्ट्रपति ने कहा है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा व वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं. राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है. राष्ट्रपति ने बजट से सत्र से पहले लोकसभा के सेंट्रल हॉल में कहा कि सरकार की ओर से पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है. आए जानते हैं कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कौन कौन सी दस बड़ी बातें कही हैं.