शनिवार को तीस हजारी अदालत (Tees Hazari Court) में वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच हुए खूनी संघर्ष का मामला थम नहीं रहा है. शनिवार को हुए बवाल में मार खाने के बाद भी दिल्ली पुलिस (Delhi police) कमिश्नर की सुस्ती के चलते वकीलों के हाथों पिटने वाले पुलिस कर्मियों और उनके साथियों में रोष व्याप्त हो गया. घटना के दो दिन बाद ही यानि सोमवार को ही, दिल्ली पुलिस के अधिकांश कर्मचारी इस बात से बेहद खफा थे कि, उनका मुखिया यानि पुलिस आयुक्त अगर मजबूत फैसला लेने वाला होता, तो खाकी की इज्जत 'खाक' में मिलने से बच जाती.