अयोध्या मामले की आखिरी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का माहौल तब गरम हो गया जब मुस्लिम पक्षकार ने उस नक्शे और कागजातों को फाड़ दिया दो हिंदू महासभा की ओर से कोर्ट में पेश किए गए थे. जरअसर हिंदु महासभा की तरफ से विकास सिंह की जिरह करने की बारी आई तो उन्होंने कोर्ट में विवादित जगह और मन्दिर की मौजूदगी साबित करने के लिए पूर्व IPS किशोर कुणाल की एक किताब 'ayodhya revisited' का हवाला देना चाहा. राजीव धवन ने इसे रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बता कर विरोध किया. विकास सिंह ने इसके बाद एक नक्शा रखा और उसकी कॉपी राजीव धवन को दी. धवन ने इसका भी विरोध करते हुए अपने पास मौजूद नक्शे की कॉपी को फाड़ना शुरू कर दिया.