साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है। सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर हुए इस ग्रहण की अवधि 2 घंटे 50 मिनट रही। जो दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में साफ देखा गया। आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहर इस साल का तीसरा सूर्य ग्रहण ( Solar Eclipse ) है, इसीलिए इसके अशुभ संकेत माने जा रहे हैं। ग्रहण का असर वैसे भी ठीक नहीं माना जाता, लेकिन साल में तीन सूर्य ग्रहण होना देश और विश्व पर संकट के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले इसी साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण हो चुका है। ऐसा भी सालों में कभी—कभार होता है कि ग्रहण के समय पांच से अधिक ग्रह एक साथ हों। इससे पहले वर्ष 1962 में ऐसा हुआ था कि सात ग्रह एक साथ एक ही राशि में थे, जबकि इस बार छह ग्रह ग्रहण के समय एक साथ बताए गए। इस बाद सूर्य, चंद्रमा, शनि, बुध, केतु और बृहस्पति एक साथ रहे। छह ग्रह के साथ यह ग्रहण धनु के मूल नक्षत्र में माना गया है। हालांकि कई ज्योतिषि सूर्य के साथ केतु और बृहस्पति के साथ चंद्रमा होने पर कल्याणकारी योग भी बता रहे हैं, लेकिन यह कुछ राशि के जातकों पर ही लागू होंगे।