मोदी सरकार अब एक नया कदम उठाने जा रही है... यह कदम लड़कियों के हित में होगा... इसके लिए सरकार ने कानून मंत्रालय से रायशुमारी शुरू कर दी है... यह लड़कियों की शादी की उम्र तय करने से जुड़ा अहम कदम है... दरअसल केंद्र सरकार लड़कियों की वैवाहिक आयु को 21 वर्ष करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार इसकी तैयारी में है। इसके लिए केंद्र सरकार बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 में विवाह आयु, सजा और जुर्माना समेत बदलावों पर काम कर रही है। इसके लिए कानून मंत्रालय से भी राय शुमारी की जा रही है। अभी यह आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल है। इस आशय की घोषणा केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने बजट सत्र में की थी। उन्होंने कहा था कि सरकार वैवाहिक आयु को निर्धारित करने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक टास्कफोर्स कमेटी का भी गठन किया गया है। जो छह माह में इस पर अपनी रिपोर्ट देगी। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, साल 1929 के बाद शारदा अधिनियम में संशोधन करते हुए 1978 में महिलाओं के विवाह की आयु सीमा बढ़ाकर 15 से बढ़ाकर 18 साल की गई थी। जैसे- जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे महिलाओं के लिए शिक्षा और करियर में आगे बढऩे के अवसर भी बन रहे हैं। महिला मृत्युदर में कमी लाना और पोषण के स्तरों में सुधार लाना जरूरी है। मां बनने वाली लड़की की उम्र से जुड़े पूरे मुद्दे को इस नजरिए ये साथ देखना जरूरी है।