कोरोना संक्रमण महामारी के खिलाफ हर कोई एकजुट हैं। कोरोना के कारण लगे लाॅक डाउन के चलते धार्मिक स्थलों के कपाट बंद हैं। वही शब ए बारात पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने घरों में रहकर पूरी रात इबादत की तथा कब्रिस्तान व मस्जिदों में जाने से परहेज किया। रमजान शरीफ से 15 दिन पहले शब ए बारात पर मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत करते हैं तथा अपने पूर्वजों के लिए फातिया पड़ने कब्रिस्तान जाते हैं। लेकिन भारत सहित अनेकों देशों में फैली कोरोना संक्रमण महामारी के खिलाफ हर कोई जंग लड़ रहा हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में 21 दिन का लॉक डाउन लगाया गया हैं। वही लाॅक डाउन का हर समुदाय, हर समाज का व्यक्ति पूरी तरह पालन कर रहे हैं। अपने घरों में रहकर कोरोना संक्रमण से सावधानी बरत रहें हैं। वहीं गुरुवार की रात शब ए बारात पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर पूरी रात कुरान शरीफ की तिलावत की तथा नमाजे अदा की। लाॅकडाउन का पालन करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग शब ए बारात पर पूर्व की भांति कब्रिस्तान में अपने पूर्वजों के लिए फातिया पढ़ने के लिए भी नहीं गए। सभी ने सहरी में जागकर नफली रोजा रखा तथा इबादत के बाद खुदा के सामने हाथ उठाकर कोरोना संक्रमण महामारी से निजात दिलाने, अपने पूर्वजों की बख्शीश व पूरी दुनिया में शांति कायम करने की दुआएं मांगी।