Latest update Nirbhaya case निर्भया के कातिलों की चंद दिनों की जिंदगानी की ये कहानी

Patrika 2020-04-08

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निर्भया गैंगरेप केस(Nirbhaya Case) में चारों दोषियों के पास जैसे-जैसे फांसी से बचने की लाइफलाइन खत्म होती जा रही हैं वैसे -वैसे उनमें मौत का खौफ बढ़ता जा रहा है। दोषी हर तरह के कानूनी दांवपेच का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी जेल में जिंदगी की बात करें तो चारों आपस में ज्यादा बात करते हुए भी नहीं दिखाई देते। लेकिन चारों को देखने से ऐसा कुछ नहीं लगता है कि इन्हें अपने गुनाह का कोई पश्चाताप भी हो विनय शर्मा (Convict Vinay Sharma) फिर भी सबसे ज्यादा परेशान और बेचैन है। मुकेश(Convict Mukesh) भी रात में सो नहीं पा रहा है। फांसी की वजह से उनकी नींद उड़ी हुई है। निर्भया गैंगरेप केस(Nirbhaya Case) में चारों दोषियों के पास जैसे-जैसे फांसी से बचने की लाइफलाइन खत्म होती जा रही हैं वैसे -वैसे उनमें मौत का खौफ बढ़ता जा रहा है। दोषी हर तरह के कानूनी दांवपेच का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनकी जेल में जिंदगी की बात करें तो चारों आपस में ज्यादा बात करते हुए भी नहीं दिखाई देते। लेकिन चारों को देखने से ऐसा कुछ नहीं लगता है कि इन्हें अपने गुनाह का कोई पश्चाताप भी हो विनय शर्मा (Convict Vinay Sharma) फिर भी सबसे ज्यादा परेशान और बेचैन है। मुकेश(Convict Mukesh) भी रात में सो नहीं पा रहा है। फांसी की वजह से उनकी नींद उड़ी हुई है। विनय ने पिछले दिनों अपने पिता से भी मुलाकात की है जिन्हें देखकर वो फफक-फफक कर रो पड़ा। उसने पिता से खुद को एक बार गले लगाने की गुजारिश भी की। हैरत की बात है कि इसी विनय शर्मा को नियम तोड़ने के लिए सबसे ज्यादा सजा भी मिली है। चारों कैदियों को कभी छोटे-मोटे झगड़ों के लिए परिजनों से मिलने के वक्त में कटौती की सजा मिली तो कभी बड़ा झगड़ा और मारपीट करने के लिए उनके बैरक बदल दिए गए. विनय ने जेल में चित्रकला सीखी और सात साल बंद रहने के दौरान उसे जेल के नियम न मानने के लिए 11 बार सजा मिली. इसी दौरान जेल के नियम तोड़ने के लिए पवन को आठ बार, मुकेश को तीन बार और अक्षय को एक बार सजा मिली. विनय ने 2015 में एक वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था, लेकिन वह पढ़ाई पूरी नहीं कर पाया. मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016 में कक्षा दस में प्रवेश लिया था, लेकिन कोई भी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाया था. इन कैदियों ने जेल में की गयी कमाई का लाभ लेने के लिए किसी को नामित नहीं किया है. जेल सूत्रों ने बताया कि अगर वे किसी को नामित नहीं करते हैं तो पैसा कैदियों के परिजनों को दे दिया जाएगा.

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