उत्तर पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी को लेकर भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। तीसरे दिन भी कई इलाकों में हिंसा जारी है। गृह मंत्री अमित शाह पिछले 14 घंटों दो बैठकें कर चुके हैं। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी विधायकों और अफसरों के साथ आपात बैठक की। वे बाद में शाह के साथ बैठक में भी शामिल हुए। पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में हुई हिंसा में 48 पुलिस कर्मी ओर 98 नागरिक घायल हो गए। इस इलाके में आग बुझाने पहुंचे तीन दमकल कर्मी भी घायल हो गए। हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ कर सात हो गई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा में छह नागरिक और दिल्ली पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की जान चली गई। मौजपुर-बाबरपुर इलाके में सुबह से ही पथराव हो रहा है। इस इलाके में हालात अभी पूरी तरह तनावपूर्ण बने हुए हैं। जानकारी के मुताबिक सुबह मौजपुर के पास दो पक्षों में फायरिंग हुई है। इसमें चार से पांच लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मौजपुर इलाके में रात भर दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। इलाके से गुजरते हुए लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं। भजपुरा से लेकर घौंडा गंगोत्री विहार तक हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। यहां से लूटपाट की खबरें भी सामने आ रही हैं। समुदाय विशेष के लोगों द्वारा दुकानों में लूटपाट की भी खबर है। फायर ब्रिगेड को भजनपुरा इलाके से अब तक 45 आगजनी की कॉल्स आ चुकी हैं। एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी पर भी पथराव किया गया है, जबकि एक गाड़ी में आग भी लगा दी गई है, जिसके कारण तीन फायर कर्मी घायल भी हुए हैं। घोड़ा चौक में एक मिनी बस फूंकी गई है। इसके साथ ही पांच से छह ई-रिक्शों को भी जलाया गया है। मौजपुर चौक तिराहे पर सीएए के समर्थन में लोग धरने पर बैठ गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ जाफराबाद में महिलाए विरोध-प्रदर्शन पर डटी हुई हैं। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित मौजपुर सहित कई स्थानों पर धुआं निकलता देखा गया। इलाके में तनाव कायम होने के चलते स्कूल बंद है और डर के कारण लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जिसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठे होने पर रोक है। मौजपुर में इस हिंसा के साक्षी बने एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां दंगों जैसे स्थिति उन्होंने 35 साल में पहली बार देखी है। नाम उजागर न करने की शर्त पर उन्होंने कहा, ‘इस इलाके में हमेशा शांति रही है।' मौजपुर और जाफराबाद में पुलिस मुख्य सड़कों पर तो मौजूद है, लेकिन कॉलोनियों के अंदर वह नहीं है। इससे बेहद तनावपूर्ण हो चुके माहौल में लोग खौफ में हैं। भजनपुरा की एंट्री पर पुलिस भारी मात्रा में तैनात है। चांदबाग में हिंसा बढ़ने के बाद सीएए के विरोध में धरने पर बैठे लोग टैंट छोड़कर चले गए हैं। इस बीच पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में हुई हिंसा में 48 पुलिस कर्मी ओर 98 नागरिक घायल हो गए। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा में छह नागरिक और दिल्ली पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल समेत 7 लोगों की जान चली गई। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रतनलाल की मौत चांदबाग में पथराव में घायल होने से हुई या किसी और कारण से...।