केंद्र एवं प्रदेश की सरकारें कोरोना वायरस से फैलने वाली महामारी को लेकर कितनी भी गंभीर क्यों नहीं दिखाई दे रही हो लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा के द्वारा इस महामारी को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। विभाग किसी की भी ना तो पहचान कर रहा है और ना ही मुंबई और दिल्ली से आए हुए बीमार लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है। ऐसे लोगों को सिर्फ मामूली दवाएं देकर घर वापस भेज दिया जा रहा है यह कहकर कि घर में रहो किसी से ना मिलो और यहां पर जांच की कोई सुविधा नहीं है जबकि पीड़ित व्यक्ति स्वयं खुद को करो ना बाजी टिप होने का अंदेशा जता रहा है। फिर भी जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है। वह इन व्यक्तियों ही नहीं बल्कि पूरे समाज के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। ऐसा मामला अमेठी जनपद के जामो थाना क्षेत्र अंतर्गत देखने को मिला है जहां पर लगभग 8 से 10 लोग बाहर से आए हुए और निश्चिंत होकर समाज में घूम रहे हैं वहीं पर थाना क्षेत्र के कमालपुर निवासी राहुल पासी जिसकी उम्र 24 वर्ष है वह अभी पिछले 17 मार्च को मुंबई से वापस अपने घर आया हुआ है उसकी तबीयत मुंबई में ही खराब हो गई थी वहां पर वह कैटरिंग का काम करता था। जिसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई खबबर नहीं है।