इंदौर में हाल ही मे पितरेश्वर हनुमान धाम की स्थापना के बाद जहां इंदौर के पितृ दोष दूर होने का दावा किया जा रहा है, वही प्रशासन हनुमान धाम को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में जुट गया है। इसके लिए अब यहां स्थाई और अस्थाई पट्टा धारकों को हटाने की मुहिम शुरू हो चुकी है। इस बीच कार्रवाई से घबराए रहवासियों ने भी दलित समाज की अगुवाई में मोर्चा खोल दिया है। दरअसल इंदौर के तीर्थ स्थल के रूप में विकसित हो रहे पितरेश्वर धाम की वजह से स्थानीय लोगों पर मुसीबत आ खड़ी हुई है। प्रशासन द्वारा स्थानीय पट्टाधारकों को अपना मकान खाली करने का नोटिस दिया गया है। नोटिस की आखिरी तारीख शुक्रवार होने से रहवासियों में चिंता के साथ आक्रोश व्याप्त हो गया है। परेशान रहवासियों ने आज अखिल भारतीय बलाई समाज की अगुवाई में मोर्चा खोलते हुए संभागायुक्त कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। प्रशासन के नोटिस को गलत बताते हुए स्थानीय महिलाओं ने संभागायुक्त कार्यालय पर धरना भी दिया। इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई को रुकवाने की गुहार लगाते हुए पीड़ितों ने संभागायुक्त के नाम का ज्ञापन भी सौंपा।वही प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन करने के साथ आत्मदाह करने की चेतावनी भी दी। गौरतलब है कि जंबूरी हप्सी पंचायत द्वारा इन लोगों को यहां पर सरकारी पट्टा दिया गया था, जिस पर इन्होंने अपना पक्का निर्माण किया और सालों से यहां रह रहे थे।