वीडियो जानकारी:
पार से उपहार शिविर , 13.12.19, ग्रेटर नॉएडा, उत्तर प्रदेश
प्रसंग:
यं संन्यासमिति प्राहुर्योगं तं विद्धि पाण्डव।
न ह्यसंन्यस्तसङ्कल्पो योगी भवति कश्चन।।6.2।।
~श्रीमद भगवत गीता, अध्याय ६, श्लोक २
~ संकल्प माने क्या?
~ संकल्प कब त्यागने चाहिए?
~ दुनिया के प्रति कैसा रिश्ता रखें?
संगीत: मिलिंद दाते