गोंडा: जमीन के अंदर 64 फीट गहराई तक बसी है भोले की प्रतिमा, दर्शन में उमड़े भक्त

Bulletin 2020-02-21

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गोंडा में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर जिले के तीन प्रमुख शिव मंदिरों में पृथ्वीनाथ बालेश्वर नाथ और बरखंडी नाथ महादेव मंदिरों पर शुक्रवार की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई है। जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्तों का तांता लग गया, वहीं भक्त भोले भंडारी को भांग- धतूरा, बेलपत्र, अक्षत लेकर अर्पित करते दिखाई दिए। शास्त्रों के जानकारों के मुताबिक इस बार महाशिवरात्रि पर्व पर 59 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन पांच ग्रहों की राशि का पुनरावृति होगा जिससे इस पर्व का विशेष महत्व है l मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर खरगूपुर कस्बे के निकट पृथ्वीनाथ मंदिर में भगवान शिव के साक्षात दर्शन होते हैं l पांडवों के अज्ञातवास के दौरान यहां भीम द्वारा स्थापित साढ़े 5 फुट ऊंचा विराटतम शिवलिंग है । प्राचीनतम समय में इस क्षेत्र में पांडव अपनी मां कुंती के साथ रहते थे l इस क्षेत्र के लोग ब्रह्म राक्षस से पीड़ित थे l भीम ने उसका वध कर दिया था l अभिशाप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के मार्गदर्शन के बाद भगवान शिव की उपासना के लिए इस विराटतम शिवलिंग की स्थापना की l पुरातत्व विभाग की मानें तो एशिया महाद्वीप का सबसे बड़े शिवलिंग में से है l जिसकी जमीन के अंदर 64 फीट गहराई ,जबकि जमीन के ऊपर साढ़े 5 फीट ऊंचा है l जनश्रुतिनुसार खरगूपुर के राजा गुमान सिंह के अनुमति से यहां के पृथ्वी सिंह ने मकान निर्माण के लिए खुदाई शुरू की, उसी रात स्वप्न में पता चला कि जमीन के नीचे सात खंडों में शिवलिंग है l स्वप्न के अनुसार उन्होंने इस मंदिर का निर्माण कराया तभी से इस मंदिर का नाम पृथ्वीनाथ मंदिर पड़ा l

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