शामली -भगीरथ के बाद मुस्तकीम मल्लाह को एक और सम्मान

Bulletin 2020-02-16

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शामली के कैराना में एक लोटा जल से काठा नदी की कोख सींचने वाले मुस्तकीम मल्लाह को इस बार सहारनपुर मंडल स्तर पर सम्मानित किया गया है। इससे पूर्व उन्हें भगीरथ प्रयास सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। मल्लाह मुहिम चलाकर काठा के अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वह जल संरक्षण के प्रति हमेशा सजग रहते हैं। उन्हें सम्मान मिलने के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल बना हुआ है। शिवालिक की पहाड़ियों से निकलने वाली झरनों के स्रोतों से उत्पन्न होने वाली काठा नदी की कैराना में आकर कोख सूख जाती है। काठा नदी पर बेतहाशा बढ़ते अवैध कब्जों और सिस्टम की अनदेखी के चलते हालात भयावह हो गए। इसका अस्तित्व भी खतरे में नजर आने लगा। इसी बीच गांव रामडा निवासी प्रमुख समाजसेवी मुस्तकीम मल्लाह ने काठा के पुर्नद्धार का बीड़ा उठाया। उनके मन में टीस थी काठा के अस्तित्व को जिंदा रखने की। लिहाजा, वर्ष 2010 में उन्होंने एक लोटा जल मुहिम चलाई। 2016 में उन्होंने जनसहभागिता के चलते मिट्टी के कई लघुबांध बनाए, तो जल संचय में उन्हें सफलता भी मिली। नवंबर माह में दिल्ली में आयोजित इंडिया रिवर्स-डे 2019 कार्यक्रम में मुस्तकीम मल्लाह को भगीरथ प्रयास सम्मान से नवाजा गया था। मल्लाह सबसे कम उम्र में यह सम्मान पाने वाले देश से एकमात्र शख्स थे। उन्हें जल संरक्षण की चिंता हैं। काठा के अस्तित्व को बचाने के लिए उनकी मुहिम अभी जारी है। शनिवार को सहारनपुर में मंडलायुक्त संजय कुमार व राज्यमंत्री धर्म सिंह सैनी द्वारा मुस्तकीम मल्लाह को एक बार फिर सम्मानित किया गया।

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