सही फीडबैक देना जरूरी, नहीं तो इंदौर का सपना टूट सकता है!

Bulletin 2020-01-20

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स्वच्छता में हेट्रिक लगाने वाला इंदौर शहर इस बार स्वच्छता का चौका लगाने की तैयारी कर रहा है लेकिन इंदौर की इस कवायद में आम लोगों की उदासीनता या फिर यूं कहें कि लोगों की अधूरी जानकारी इंदौर के सपनें को पूरा होने से पहले ही तोड़ सकती है।  दरअसल केंद्रीय शहरी आवास मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का ऑनलाइन सिटीजन फीडबैक लेना शुरू कर दिया है  जो 31 जनवरी तक लिया जाएगा।  सफाई के मामले में तो पूरे देश में तीन बार अव्वल रह चुका इंदौर पहले दो तिमाही के सर्वे में भी अव्वल रहा है, लेकिन सिटीजन फीडबैक के पहले चरण में टॉप 10 में भी इंदौर शामिल नहीं हो सका था। सर्टिफिकेशन में भले ही निगम अच्छे अंक जुटा रहा है, लेकिन फीडबैक में इंदौर लगातार पिछड़ रहा है। यदि शहर फीडबैक में इसी तरह पिछड़ा तो साफ-सुथरे टॉप 100 शहरों में भी इंदौर का शामिल होना मुश्किल हो जाएगा। अब स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। इसमें देश के 4203 शहर हिस्सा ले रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सिटीजन फीडबैक ही है। निगम के आयुक्त आशीष सिंह का कहना है कि फीडबैक को लेकर इंदौर की जनता जागरूकता दिखा रही है लेकिन फीडबैक के अंक हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि लोग जो फीडबैक दे रहे हैं वह पूरी तरह सही हो। तभी उसके अंक सर्वेक्षण अंकों के साथ जुड़ सकेंगे। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूकता दिखाते हुए ऑनलाइन फीडबैक देने में सहयोग करें। साथ ही उन्होंने कहा कि लोग यह भी सुनिश्चित करें कि जो फीडबैक वे दे रहे हैं वह पूरी तरह सही हो।

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