दुनिया का इकलौते हिंदू शेख की कहानी

DainikBhaskar 2020-01-11

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शुक्रवार को खाड़ी के देश ओमान से एक बुरी खबर आई। सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद की 79 साल की उम्र में मौत हो गई। सुल्तान काबूस ने ये गद्दी 1970 में अपने पिता का तख्तापलट करके हासिल की थी। 50 साल तक ओमान पर राज करने वाले सुल्तान को आधुनिक विचारों वाला नेता माना जाता है। लेकिन उनके जाने से ओमान के एक शख्स को व्यक्तिगत तौर पर काफी नुकसान हुआ है। उनका नाम है कनकसीभाई खिमजी।

मूल रूप से गुजरात के कच्छ के रहने वाले और ओमानी बिजनेसमैन कनकसी खिमजी दुनिया के एकमात्र हिंदू शेख हैं..उनकी कंपनी खिमजी रामदास ग्रुप का ओमान से करीब 150 साल पुराना नाता है।

कनकसी के पड़दादा रामदास ठाकरसी 1870 में ओमान के सूर शहर में बस गए थे। रामदास ठाकरसी दुनिया के बड़े बंदरगाहों पर तेजी से माल पहुंचाने का काम करते थे। वह भारत से अनाज, चाय, मिर्च-मसाला ले जाकर ओमान में बेचते थे और वहां से खजूर, ड्राय लाइम और लोभान भारत में बेच देते थे।

इसके बाद कनकभाई के पिता और दादा खिमजी रामदास ने मिलकर खिमजी रामदास ग्रुप ऑफ कंपनीज बनाई। ये कंपनी इतनी बड़ी हो गई कि कहा जाता है कि उस वक्त सुल्तान सईद भी कनकभाई के दादा रामदास से आर्थिक मदद लेते थे।

ओमान के अखबारों के मुताबिक, सरकारी मंत्रालयों में कनक भाई का बोलबाला है। उनकी बिजनेस से जुड़ी सूझबूझ से ओमान के सुल्तान काफी प्रभावित थे। इन्हें ओमान के सुल्तान ने ही शेख की मानद उपाधि दी थी।

सुल्तान और कनकसी के रिश्ते कितने गहरे थे इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सुल्तान ने ओमान के टूरिज्म बिजनेस को विकसित करने के लिए अपनी Lo’Lo’ यॉट कनक भाई को गिफ्ट कर दी थी।

ओमान में क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए कनक भाई ने जो योगदान दिया, इसके बदले में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी ICC ने उन्हें लाइफ टाइम सर्विस अवार्ड से नवाजा था। वह ओमान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन अैर ओमान क्रिकेट क्लब के फाउंडर भी है

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