प्रदेश सरकार के निर्णय की खिलाफत करते हुए विश्व हिंदू परिषद जनवरी माह में मोर्चा खोलने वाला है। मध्यप्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में प्रदेश सरकारों की नीतियों के खिलाफ ज्ञापन और प्रदर्शन के माध्यम से विहिप अपना विरोध जाहिर करेगा। आज विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे इंदौर में पत्रकारों से रूबरू हुए। उन्होंने सीएए सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। परांडे ने कहा कि मुस्लिम देशों में रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दू शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के लिए विहिप पूर्ण प्रयास करेगा। परांडे ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में कोर्ट के आदेश की अवहेलना करके राज्य सरकार हिंदू मंदिरों की जमीन को अधिग्रहीत करके आवंटित कर रही है, जिसके विरोध में विश्व हिंदू परिषद फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। वही प्रदेश में मौलवी और पादरियों को सरकारी खजाने से दी जाने वाली पगार का भी विरोध किया जाएगा। जेएनयू में हाल ही में हुई घटना में एबीवीपी छात्रों के शामिल होने की बात पर सफाई देते हुए परांडे ने कहा कि कुछ लोगों ने जेएनयू के सर्वर रूम पर हमला किया था, ताकि छात्रों की परीक्षा ना हो सके और वहां नए एडमिशन ना हो सके। बाहर के लोग यूनिवर्सिटी में आकर हिंसा कर रहे हैं, इसे रोकने के लिए एबीवीपी के छात्र वहां गए होंगे। यदि किसी दल को प्रदर्शन करना है तो लोकतांत्रिक तरीके से करना चाहिए। विद्यार्थियों को भड़काना अच्छी बात नहीं है। परांडे के मुताबिक एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को टारगेट किया जा रहा है। विद्यार्थियों को सतर्क रहने की बात कहते हुए परांडे ने कहा कि देश हित के मुद्दे से भटकाने वाले संगठनों को सबसे पहले देश हित की बात सोचनी चाहिए।