स्वयं पर हँसने का अर्थ || आचार्य प्रशांत, ओशो और भर्तृहरि पर (2017)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
१९ दिसंबर, २०१७
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
स्वयं पर हँसने का क्या अर्थ हैं?
साक्षित्व का क्या अर्थ है?
हम दूसरे का मजाक क्यों उड़ाते है?
हम अपनी गंभीरता कैसे हटाए?
अपने ऊपर कैसे हँसे?

संगीत: मिलिंद दाते

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