वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
२ नवम्बर २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा
अष्टावक्र गीता (अध्याय १०, श्लोक १)
विहाय वैरिणं काम्मर्थं चानर्थसंकुलं |
धर्ममप्येतयोर्हेतुं सर्वत्रादरं करु ||
प्रसंग:
मोक्ष माने क्या?
मोक्ष की प्राप्ति कैसे होगी?
क्या मोक्ष पाना ज़रूरी है?