महाराष्ट्र के नए उप मुख्यमंत्री अजित पवार को उनके राजनीतिक दांव पेच के लिए जाना जाता है और उनका बीजेपी को समर्थन देना एक बार फिर इस बात को साबित करता है! अजीत या आम तौर पर 'दादा' के रूप में पहचान रखने वाले पवार ने अपने चाचा शरद पवार के पदचिह्नों पर चलते हुए चीनी सहकारी समितियों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश किया. 1991 में अजित ने बारामती लोकसभा सीट जीती लेकिन 6 महीने बाद चाचा के लिए सीट खाली कर दी, उसी साल फिर जीतने के बाद अगले 15 साल तक उस सीट उन्हीं का कब्जा था