न रुको न शर्माओ, बस बढ़ते जाओ || आचार्य प्रशांत (2015)

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वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग, अद्वैत बोध शिविर
५ मार्च, २०१५
चोपता, उत्तराखंड

प्रसंग:
न रुको न शर्माओ, बस बढ़ते जाओ
हम दूसरे को देख कर अपने को हीन क्यों समझता हूँ?
अपने अंदर से हिन् भावना कैसे दूर करें?

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