125 years have passed since Swami Vivekananda left the world influenced by the so-called speech in the Chicago Parliament of World Recession that the world still remembers the world. But what difficulties did they get to go there, even when they went there, they did not get permission to attend the conference. Then a professor at Howard University helped him, said that the knowledge of this master is more than the accumulated knowledge of all the professors of America, know the whole story with Vishnu Sharma.
125 साल हो गए हैं, जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो पार्लियामेंट ऑफ वर्ल्ड रिलीजंत में ओजस्वी भाषण से भारत की संस्कृति का ऐसा असर विश्व पर छोड़ा कि आज भी दुनियां याद करती है। लेकिन वहां तक जाने में उनको क्या क्या मुश्किलें आईं, वहां जाकर भी उन्हें कॉन्फ्रेंस में भाग लेने की इजाजत नहीं मिली। तब उनकी मदद एक हावर्ड यूनीवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने की, कहा इस स्वामी का ज्ञान अमेरिका के सारे प्रोफेसर्स के संचित ज्ञान से भी ज्यादा है, जानिए पूरी कहानी विष्णु शर्मा के साथ |
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शिकागो कॉन्फ्रेस में स्वामी विवेकानंद
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स्वामी विवेकानंद ओजस्वी भाषण
ओजस्वी भाषण स्वामी विवेकानंद
हावर्ड यूनीवर्सिटी प्रोफेसर
हावर्ड यूनीवर्सिटी स्वामी विवेकानंद