Supreme Court Verdict on Section 377 decriminalised: गे, लेस्बियन, समलैंगिक सेक्स अब अपराध नहीं

Inkhabar 2019-03-01

Views 124

Supreme Court Verdict on Section 377 decriminalised the judgment was delivered by a Bench of Chief Justice of India Dipak Misra and Justices Rohinton Nariman, AM Khanwilkar, DY Chandrachud and Indu Malhotra.
The Supreme Court reversed its own decision and said Section 377 is irrational and arbitrary. "LGBT Community has same rights as of any ordinary citizen.

सुप्रीम कोर्ट ने LGBT समुदाय के हक़ अपना फैसला सुनाया है और साफ तौर पर बोल दिया कि IPC की धारा 377 के अंतर्गत आने वाला समलैंगिक सेक्स अब कोई अपराध नहीं है| सभी राजनैतिक पार्टियों और सेलेब्रिटीज़ ने इस फैसले का स्वागत किया है|
समलैंगिकता को अवैध बताने वाली IPC की धारा 377 की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुना दिया, जैसे की आप हमने पहले बताया की धारा-377 के तहत समलैंगिक सेक्स को अपराध के दायरे में रखा गया था, लेकिन आज मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, और उनकी पीठ ने कहा कि मौलिक अधिकार में 'यौन आजादी का अधिकार' शामिल है आज के बाद समलैंगिक सेक्स को अपराध कि श्रेणी से बहार किया जाता है|



For More Information visit us: http://www.inkhabar.com/
Connect with us on Social platform at https://www.facebook.com/Inkhabar
Connect with us on Social platform at
https://twitter.com/Inkhabar
Subscribe to our YouTube channel: https://www.youtube.com/user/itvnewsindia



Supreme Court Verdict on Section 377
Supreme court judgment on Article 377
Chief Justice of India
Chief Justice of India Dipak Misra Article 377
LGBT Community rights
Supreme court judgment LGBT Community rights
समलैंगिक सेक्स अब अपराध नहीं
समलैंगिक सेक्स पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
समलैंगिक सेक्स अपराध
समलैंगिकता IPC की धारा 377
IPC की धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा समलैंगिक सेक्स
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा फैसला
यौन आजादी का अधिकार
मौलिक अधिकार यौन आजादी का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट LGBT समुदाय पर फैसला

Share This Video


Download

  
Report form
RELATED VIDEOS